भगवती सरस्वती
हिन्दू धर्मं के अनुसार देवी सरस्वती विद्या और ज्ञान की देवी हैं. उनको वेदों की जननी माना जाता है. सरस्वती नाम सरस (अर्थात प्रवाह) और वती (अर्थात स्त्री) से मिल कर बना है. इसलिए सरस्वती ज्ञान की प्रतीक हैं; उनका प्रवाह नदी की तरह है और ज्ञान मोहित करने वाला है, जैसे की एक सुन्दर युवती. अन्य धर्मों और मान्यताओं में भी उनका अस्तित्व तथा लोगों की उनमे आस्था बनी हुई है.
सरस्वती पूजा उनकी आराधना करने का दिन होता है और इस दिन लोग, ख़ास कर के विद्यार्थी गन और शिक्षा से सम्बंधित लोग कुछ ज्यादा ही उत्साह से इसे मानते हैं. हमारे देश में न जाने कितनी ही सरस्वती पूजा समितियाँ और मंडलियाँ होंगी जो हर वर्ष इस ज्ञान के अवसर को मानती होंगी, सरस्वती माँ की पूजा करती होंगी.
हमारी समिति जिसका नाम है प्रज्ञा समिति, शिवपुरी, रोड नंबर-१, पटना-२३, बिहार, का जन्म 2008 में 11 फरबरी को हुआ. हम 2008 से लगातार सरवती पूजा का सफल आयोजन करते आ रहे हैं और इस बार आने वाले सरस्वती पूजा २०११ का और बढ़ चढ़ कर आयोजन करने का विश्वास है. अतः हम, आप सब श्रध्हालू जनों से आशा करते हैं की हमारे इस पावन कार्य में आप सब लोग हार्दिक भावना से सम्मिल्लित हो कर हमें कृतार्थ करने का कष्ट करेंगे. आप सबों से हमें आशीर्वाद चाहिए ताकि ये शुभ कार्य अच्छे ढंग से संपन्न हो सके.
आपकी
प्रज्ञा समिति
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